श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को समर्पित 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी
भगवान श्रीराम को समर्पित डाक टिकटों पर प्रधानमंत्री ने अपनी अभ्व्यक्ति दी
राम-राम करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े कार्यक्रम के बारे में बताया कि मेरा भी सौभाग्य की मुझे यहां आने का मौका मिला और उन्होंने राम जन्म भूमि को समर्पित करते हुए 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी करने के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विश्व के अलग-अलग देश में जो डाक टिकट जारी हुए हैं उन सबका एक एल्बम तैयार किया गया है। मैं आप सभी देश और विदेश के राम भक्तों को बहुत हार्दिक बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पोस्टल स्टैंप का कार्य सिर्फ एक यही नहीं है कि आप लिफाफे पर लगाकर पत्र को पोस्ट कर दें। इसके माध्यम से आप अपने विचारों को, इतिहास को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित करते हैं। जब आप किसी डाक टिकट को जारी करते हैं तो वह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा ना होकर इतिहास के अंश के रूप में सहेजा जाता है। यह कोई आर्टवर्क नहीं है बल्कि इतिहास की कलाकृतियों के रूप में ऐतिहासिक स्थलों को व्यक्त करने का सबसे छोटा स्वरूप होते हैं। हम यह भी कह सकते हैं कि यह बड़े-बड़े ग्रंथ का, बड़ी-बड़ी सोच का एक सूक्ष्म रूप होते हैं। आज जो स्मारक डाक टिकट जारी किए गए हैं। उससे हमारी आने वाली पीढ़ी को बहुत कुछ जानने, सीखने और सहेजने का मौका मिलेगा।
उन्होंने जारी हुई डाक टिकट का विवरण देते हुए कहा कि आज जो डाक टिकट जारी हुआ है। उसमें राम मंदिर का एक भव्य चित्र है। उस पर रामायण की चौपाई लिखी हुई है। उसके साथ ही सूर्यवंशी भगवान राम के कुल का प्रतीक सूर्य की छवि भी है। सरयू नदी का चित्र भी दर्शाया गया है। मंदिर के आंतरिक सौंदर्य को बड़ी ही बारीकी से इस टिकट पर चित्रित किया गया है। इस डाक टिकट को जारी करने से पहले मैंने संतों का मार्गदर्शन भी लिया मैं उन संतों को सहृदय प्रणाम करता हूं।
भगवान श्री राम और रामायण की बातें सिर्फ भारत से ना जुड़ी होकर कई देश धर्म और व्यक्तियों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने अपने वनवास के समय में क्या एकता और यह साहस का परिचय दिया और अनेक मुश्किलों को हल किया। उससे लोगों के दिलों में भगवान राम का जो प्रेम है वह सदैव के लिए सुरक्षित है। रामायण हमेशा से पूरे विश्व के आकर्षण का केंद्र रही है। आज पूरे विश्व में भगवान राम से संबंधित जिन पुस्तकों का लोकार्पण हो रहा है। वह इसी बात को दर्शाती हैं, कि भगवान राम सबके हैं। आज से पहले भी विभिन्न देशों में भगवान राम पर स्टैम्प्स जारी होते रहे हैं।
इन देशों में कनाडा, कंबोडिया, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, चेक रिपब्लिक, इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड, गयाना, सिंगापुर, न्यूजीलैंड और भी न जाने कितने ही ऐसे देश है. जिन्होंने भगवान राम को अपनी आत्म्यता समर्पित की। आज के आधुनिक समय में अन्य देशों ने जिस तरह से भगवान राम के चरित्र को प्राथमिकता दी उनकी सराहना की इस एल्बम में भगवान प्रभु श्री राम और माता सीता की लीला कथाएं हम आपको संक्षिप्त शेयर करेंगे। इस तरीके से महर्षि वाल्मीकि का वह वाक्य आज भी अमर है जिसमें उन्होंने कहा था जब तक पर्वत है, नदियां हैं, तब तक भगवान श्री राम का अस्तित्व और रामायण की कथा प्रचारित होती रहेगी। एक बार आप सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई