राम-लला प्राण-प्रतिष्ठा अयोध्या
यह हम सबका अहो भाग्य कि हम सब इस कालजयी पल के साक्षी हैं : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वहां आए हुए सारे ऋषि संतगढ़ मंच पर विराजित माननीय और विश्व के कोने-कोने से जुड़े राम भक्त सबको प्रणाम करते हुए कहा कि "हमारे प्रभु श्री राम आ गए हैं" यह आप सबके धैर्य और बलिदान अर्पण और तर्पण का फल है कि अब हमारे राम लला टेंट में नहीं रहेंगे। आप सभी इस दिव्य पल के साक्षी हैं। यह सिर्फ एक तारीख ना होकर एक नए कालचक्र का प्रारंभ है। आज सदियों के बाद हमें वह धरोहर मिली है जिसके भगवान श्री राम शुरू से हकदार थे। हम कितने बड़े भाग्यशाली हैं कि जो इस पल को साक्षात जी रहे हैं यह सब सामान्य नहीं है।
भगवान श्री राम के साथ उन्होंने हनुमान जी को प्रणाम करते हुए कहा कि, मैं माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सभी को भी शाश्वत प्रणाम करता हूं। आप सबके आशीर्वाद से ही यह कार्य पूर्ण हुआ है। उन्होंने तुलसीदास जी की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा कि, उस समय जब प्रभु घर आए तो पूरे अयोध्या वासी हर्षित हो गए थे लेकिन तब यह वियोग सिर्फ 14 वर्ष का था। आज इस वियोग को हमारे देश के लोगों ने सदियों तक सहा है और 500 वर्ष की इस लड़ाई का आज अंत हो गया।
आज कालचक्र फिर बदला है
प्रधामंत्री ने आगे कहा कि, देश के आज हर कोने में कीर्तन हो रहे हैं। मंदिरों में बहुत बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। कल मैं भगवान श्री राम के असीम आशीर्वाद से राम सेतु के धनुष्कोड़ी पर उपलब्ध था। जहां से प्रभु श्री राम समुद्र को पार करने निकले थे वह मैंने पुष्प वंदना भी की। एक अंदर से ऐसा विश्वास जगा कि अब कालचक्र फिर बदलेगा। मैंने पूरे 11 दिनों का व्रत अनुष्ठान किया जिसमें इन 11 दिनों में मैंने हर उस स्थान की चरण वंदना की जहां प्रभु श्री राम के चरण पड़े थे। फिर वह चाहे वो श्रीरंगम में रंगनाथ स्वामी भगवान का मंदिर हो,आंध्र प्रदेश का लेपाक्षी मंदिर हो, नासिक का पंचवटी धाम या फिर केरला का पवित्र त्रिप्रायर मंदिर, रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर हो, या फिर धनुषकोडि जहाँ में कल उपस्थित था। उन्होंने कहा कि इन 11 दिनों में मुझे काफी अलग-अलग भाषाओं में रामायण सुनने का मौका मिला। हर किसी ने भगवान राम की महिमा को अपने तरीके से प्रतिबद्ध किया है।
उन बलिदानों के सदैव ऋणी रहेंगे
उन्होंने कारसेवकों को याद करते हुए कहा कि, आज का यह दिन उन अनगिनतराम भक्तों, संत महात्माओं के बलिदान का परिणाम है। जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। हम उन संत माहात्मओं और कारसेवकों के सदैव ऋणी रहेंगे जिनके चलते हमें आज का सूरज देखने को मिला।
मोदी जी ने उन लोगों पर निशाना साधते हुए कहा जिन्होंने कहा था कि "अगर राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी" आज मैं उनको इस मंच से समझाने का प्रयास करता हूं कि, राम मंदिर किसी आग का नहीं बल्कि नई ऊर्जा का विषय है। किसी आज किसी आग को नहीं बल्कि नई ऊर्जा को जन्म दे रहा है। समाज का हर वर्ग एक उज्जवल पथ पर बढ़ाने को तैयार है। मैं आज उन लोगों से आग्रह करूंगा कि आज आप महसूस करिए, पुनर्विचार करिए, राम आग नहीं है राम पूजा है। राम विवाद नहीं है राम समाधान है। राम सिर्फ और सिर्फ हमारे नहीं है राम हम सबके हैं।आज भगवान श्री राम के इस मंदिर से जिस तरीके से पूरे विश्व के लोग जुड़ रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा इस कार्यक्रम को देखा जा रहा है यह अपने आप में ही "वसुधैव कुटुंबकम" के उस विचार को और भी मजबूत बना रहा है।
यहाँ सिर्फ भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है बल्कि यह प्राण प्रतिष्ठा है हम भारतीयों की संस्कृति की, हम भारतीयों की अपनी उस संस्कृति के प्रति उस अटूट विश्वास की जो हमेशा सर्वे भवन्तु सुखिन: के संकल्प को दोहराते आई है। यह सिर्फ एक देव मंदिर नहीं है यह भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का एक विचार है जो भारत दुनिया के साथ साझा करता है।