पीएम मोदी का लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब
मोदी जी आदरणीय राष्ट्रपति महोदया को दिल से आभार प्रकट करते हुए कहते हैं, आपने विकसित भारत के संकल्प को अपने प्रवचन में विस्तार दिया, अहम विषय उठाएं साथ ही साथ हम सबका और देश का मार्गदर्शन किया, इसके लिए धन्यवाद।
मोदी जी ने आगे कहा कल और आज कई माननीय सदस्यों ने राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर विचार व्यक्त किया है। विशेषकर जो पहली बार सांसद बनकर के यहां बीच में आए है और उनमें से कुछ आदरणीय साथियों ने अपने विचार व्यक्त किए, संसद के सभी नियमों का पालन करते हुए किए, उनका व्यवहार ऐसा था जैसे एक अनुभवी सांसद का होता है। और इसलिए प्रथम बार आने के बावजूद भी उन्होंने सदन की गरिमा को बढ़ाया है और उन्होंने अपने विचारो से इस डिबेट को और अधिक मूल्यवान बनाया है।
देश ने एक सफल चुनाव अभियान को पार करते हुए विश्व को दिखा दिया है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अभियान था। देश की जनता ने दुनिया के सबसे बड़े चुनाव अभियान में, जनता ने मोदी जी को चुना है।और तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका दिया है।
जनता ने 10 साल के ट्रेक रिकोर्ड को देखा है,देखा कि गरीबों के कल्याण के लिए जिस समर्पण भाव से जनसेवा ही प्रथम सेवा इस मंत्र को कृतार्थ करते हुए, जो कार्यक्रम किया है उसके कारण 10 साल में 25 करोड़ गरीब से गरीब बाहर निकले हैं। देश की आजादी के कालखंड में इतने कम समय में, इतने लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का ये सफल प्रयास इस चुनाव में आशीर्वाद का कारण बना है। फिर एक बार 140 करोड़ देशवासियों की सेवा करने का मौका मिला है।
क्रप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस।
2014 में पहली बार जीकर के आए थे तो चुनाव के अभियान में मोदी जी ने कहा था कि क्रप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस रहेगा। और आज उसे गर्व है कि सरकार ने देश का सामान्य मानवी जो क्रप्शन के कारण पीड़ित हैं, देश को क्रपशन ने दीमक की तरह खोखला कर दिया है। ऐसे में भ्रष्टाचार के प्रति जो जीरो टॉलरेंस नीति है, आज देश ने उसके लिए आशीर्वाद दिया है।
सबका साथ सबका विकास।
देश की जनता ने देखा है कि एकमात्र लक्ष्य नेशन फर्स्ट है, भारत सर्वप्रथम है। हर नीति, निर्णय, कार्य का एक ही तराजू रहा है कि भारत प्रथम और भारत की प्रथम की भावना के साथ देश में जो आवश्यक reform थे, उस reform को भी लगातार जारी रखा है। 10 वर्ष में सरकार ’सबका साथ सबका विकास ’ इस मंत्र को लेकर के लगातार देश के सभी लोगों का कल्याण करने का प्रयास करता रहा हैं।
तीसरी बार फिर मोदी सरकार
इस देश ने लंबे अरसे तक तुष्टिकरण की राजनीति, गवर्नेस मॉडल,देखा, देश ने पहली बार सेक्युलरिज्म का एक पूरा प्रयास किया और वो तुष्टिकरण नही, संतुष्टिकरण और संतुष्टिकरण के विचार को लेकर के चले हैं। और संतुष्टिकरण की बात करते हैं तो इसका मतलब है कि हर योजना का सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय होता है। सैचुरेशन सच्चे अर्थ में सेक्युलरिज्म होता है और उसी को देश की जनता ने मोदी जी को तीसरी बार बिठाकर के मोहर लगा दी है।
विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगा।
इस चुनाव में जनता के बीच एक बड़े संकल्प के साथ उन्होंने देश की जनता के पास आशीर्वाद मांगने गए थे। और आशीर्वाद मांगा था विकसित भारत के संकल्प के लिए। विकसित भारत के निर्माण के लिए एक प्रतिबद्धता के साथ, एक शुभनिष्ठा के साथ, जन सामान्य का कल्याण करने के इरादे से गए थे। जनता ने विकसित भारत के संकल्प को चार चांद लगा करके फिर से एक बार मोदी जी को विजई बनाकर के देश की जनता की सेवा करने का मौका दिया है।
जब देश विकसित होता है तब कोटि - कोटि जनो के सपने पूरे होते है।
दुनिया कि विकास यात्रा में भारत।
जब विकसित भारत होता है तब गांव की स्थिति, शहरों की स्थिति उसमें भी बहुत बड़ा सुधार होता है। गांव के जीवन में गौरव और गरिमा भी होता है। विकास के नए - नए अवसर भी होते हैं। शहरो का विकास भी एक अवसर के रूप में विकसित भारत में उभरता है तब दुनिया की विकास यात्रा में भारत के शहर भी बराबरी करेंगे ये मोदी जी का सपना।
24x7 (24 बाय 7) फॉर 2047 क्या है?
मोदी जी ने आज उनके माध्यम से देशवासियों को विश्वास दिलाता है कि विकसित भारत के जिस संकल्प को लेकर के चले हैं उस संकल्प की पूर्ति के लिए भरसक प्रयास करेंगे, पूरी ईमानदारी से करेगे और समय का पल - पल और शरीर का कण - कण देशवासियों को विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए लगाएंगे। उन्होंने देश की जनता को कहा था 24x7 (24 बाय 7) फॉर 2047 आज उन्होंने इस सदन में दोहराया कि उस काम को अवश्य पूरा करेगा।
गैस कनेक्शन के लिए चक्कर काटने पड़ते थे। गैस कनेक्शन के लिए, मेंबर पार्लियामेंट के यहां अच्छे अच्छों को चक्कर काटने पड़ते थे। और वो भी बिना कट लिय गैस के कनेक्शन नहीं मिलते थे। हक का राशन नहीं मिलता था, उसके लिए भी रिश्वत देनी पड़ती थी। और ज्यादातर लोग निराश हो चुके थे कि वो अपने भाग्य को दोष देकर के, अपने नसीब को दोष देकर के जिंदगी काटने के लिए मजबूर हो जाते थे। बड़े - बड़े घोटाले क्या - क्या हुआ है। वो एक जमाना था जब कोयले घोटाले में बड़ो - बड़ो के हाथ काले हो चुके थे। आज कोयले का सर्वाधिक उत्पाद, सर्वाधिक पुनर्क्षण आज कॉल प्रोडक्शन के विक्रम हुए हैं। और इसी के कारण देश अब कहने लगा है - अब भारत कुछ भी कर सकता है। 2014 के पहले फोन बैंकिंग करके बड़े - बड़े बैंक घोटाले किए जा रहे थे। अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी की तरह बैंक का खजाना लूट लिया गया था। 2014 के बाद नीतियों में परिवर्तन, निर्णयों में गति, निष्ठा प्रमाणिकता की ओर उसी का परिणाम है दुनिया की अच्छी बैंको में आज भारत की बैंको का स्थान बन गया। आज भारत की बैंक सर्वाधिक मुनाफा करने वाली बैंक बन गई। और लोगों की सेवा करने के लिए। भारत का संविधान जम्मू कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता। आर्टिकल 370, इसकी पूजा करने वाले लोगों ने वोट बैंक की राजनीति का हथियार बनाने वालों ने 370 को उसने जम्मू कश्मीर के जो हालत कर दिए थे, वहा के लोगों के अधिकार छीन लिए थे, भारत का संविधान जम्मू कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता था और यहां संविधान सर पर रखकर के नाचने वाले लोग संविधान को जम्मू कश्मीर में लागू करने का हौसला नहीं रखते थे। बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान किया करते थे और 370 का वो जमाना था, सेनाओं पर पत्थर चलते थे और और लोग निशाना में डूबकर के कहते थे, अब तो जम्मू कश्मीर में कोई हो नही सकता है। आज 370 की दीवार गिरी, पत्थरबाजी बंद है, लोकतंत्र मजबूत है और लोग बड़ चढ़ करके मतदान करने के लिए आगे आ रहे हैं, ये साफ - साफ दिखाई देता है। विकास ड्राइविंग फोर्स बन जाता है। 140 करोड़ देशवासियों में ये विश्वास पैदा होना ये उम्मीद और जब विश्वास जगता है तो विकास को ड्राइविंग फोर्स बन जाता है। इस विश्वास ने विकास का ड्राइविंग फोर्स का काम किया है। 10 सालों में भारत की इकोनॉमी क्या है? 10 सालों में भारत की इकोनॉमी को 10 साल के अल्पकाल में 10 नंबर से इकोनॉमी को 5 नंबर पर ले गए। अब नेक्स्ट लेवल पर जाने के लिए जिस गति से निकले हैं, अब देश की इकोनॉमी को नंबर 3 पर ले जायेंगे। 10 सालो में भारत को मोबाइल फोन का बड़ा मैन्युफैक्चर बना दिया। भारत को मोबाइल फोन का बड़ा एक्सपोर्टर बना दिया। अब यही काम टेन्योर में सेमिकडक्टर और अन्य सेक्टर्स में करने जा रहे हैं। दुनिया के महत्वपूर्ण कामों में जो चिप्स काम में आयेगे, वो चिप भारत की मिट्टी में तैयार हुआ होगा। भारत के नौजवानों की बुद्धि का परिणाम होगा। भारत के नौजवानों के परिश्रम का परिणाम होगा, ये विश्वास दिल में है। आधुनिक भारत की तरफ विकास। आधुनिक भारत की तरफ भी जाएंगे। विकास की नई ऊंचाइयों को, लेकिन जड़े जमीन से जुड़ी रहेगी, पैर देश के जनसामान्य की जिंदगी से जुड़े रहेंगे, और चार करोड़ गरीबों के घर बना चुके हैं। आने वाले इस टेन्योर में तेज गति से तीन करोड़ और घर बना करके इस देश में किसी को भी घर के बिना रहना न पड़े। WOMEN SELF HELP GROUP क्या है? दस साल में वूमेन सेल्फ हेल्प ग्रुप में देश की कोटि - कोटि बहनों को entrepreneur ke क्षेत्र में एक बहुत सफलता पूर्वक आगे बढ़ा है। उसको next leval पर ले जाने वाले हैं। Women self help group में जो बहनें काम कर रही है, उनकी आर्थिक गतिविधि इतना बढ़ाना चाहते है, उसका इतना विस्तार करना चाहते हैं कि बहुत कम समय में तीन करोड़ ऐसी बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लें करके चलने वाले हैं। कहा से एनडीए का प्रचंड जीत मिला है। अरुणाचल प्रदेश, फिर एक बार सरकार बनायेगे। सिक्किम में एनडीए ने फिर एक बार सरकार बनाई है। 6 महीना पहले ही आदरणीय सभापति जी, का होमस्टेट राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचंड विजय पाया है। नए - नए क्षेत्रों में जनता का प्यार मिल रहा है, जनता का आशीर्वाद मिल रहा है। बीजेपी का खाता कहा खुला है? बीजेपी ने केरला में इस बार खाता खोला है और बड़े गर्व से केरला से सांसद साथ बैठते हैं। तमिलनाडु में कई सीटों पर बीजेपी ने दमदार उपस्थिति दर्ज की है। कर्नाटक, यूपी और राजस्थान में पिछले बार की तुलना में बीजेपी का वोट प्रसेंट बढ़ा है। आने वाले समय में तीन राज्यों में चुनाव है। जिन राज्यों में चुनाव वो है महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड। पिछली विधानसभा में इन तीन राज्यों में जितने वोट मिले थे। इस लोकसभा चुनाव में इन तीन राज्यों में उससे भी ज्यादा वोट मिले थे। पंजाब में भी बीजेपी का अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा है और बढ़त मिली है। जनता जनार्दन का भरपूर आशीर्वाद साथ है। काग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है। काग्रेस के इतिहास का ये पहला मौका है,जब लगातार तीन बार, लगातार तीन बार काग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। काग्रेस के इतिहास में ये तीसरी सबसे बड़ी हार है। तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। अच्छा होता काग्रेस अपनी हार स्वीकार करता, जनता जनार्दन के आदेश को सर आंखों पर चढ़ाता, आत्ममंथन करता लेकिन ये तो कुछ शीर्षसन करने में लगा हुआ है और काग्रेस और उसका इकोसिस्टम दिन रात बिजली जला करके हिंदुस्तान के नागरिकों के मन में ये प्रस्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने हरा दिया है। मोदी जी सामान्य जीवन का अनुभव को बताया है। कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर के निकला है और अगर वो बच्चा गिर जाता है, साइकिल से लुढ़क जाता है, रोने लगता है तो कोई बड़ा व्यक्ति आकर के उसके पास पहुंच जाता है और उसको कहता है कि देखो तुम तो बढ़िया साइकिल चलाते हो, अरे तुम तो गिरे नही हो…. ऐसा करके उसका जरा मगज ठीक करने के लिए प्रयास करते हैं। उसका ध्यान भटका करके उस बच्चे का मन बहला देते हैं और काग्रेस के लोग और उनका इकोसिस्टम आजकल ये मन बहलाने का काम कर रहा है। 1984, में चुनाव हुआ था उसके बाद इस देश में 10 लोकसभा के चुनाव हुए… 10 लोकसभा के चुनाव हुए हैं…1984 के बाद 10 - 10 लोकसभा je चुनाव होने के बावजूद भी काग्रेस 250 के आंकड़े को छू नही पाई है। इस बार किसी तरह 99 के चक्कर में फंसे है। मोदी जी को एक किस्सा याद आया। उन्होंने कहा 99 मार्क्स लेकर एक बालक घमंड में घूम रहा था और वो सबको दिखता था देखो कितने ज्यादा मार्क्स आए हैं, तो लोग भी जब 99 सुनते थे तो शाबाशी देते थे, बहुत उसको हौसला बुलंद करते थे। तो फिर उनके टीचर आए कि भैया किस बात की मिठाई बांट रहे हो? ये 100 में से 99 नहीं लाया, ये तो 543 में से लाया है। अब उस बालक बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का रिकॉर्ड बना लिया है। काग्रेस……। काग्रेस के नेताओ के बयानों में ये बयानबाजी ने शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। सबको शोले फिल्म की वो मौसी जी याद होगा …… तीसरी बार ही तो हारे हैं पर मौसी ये बात तो सही है तीसरी बार ही तो हारे हैं पर मौसी मोरल विक्ट्री तो है ना? 13 राज्यों में 0 सीटे आई है, अरे मौसी 13 राज्यों में 0 सीटे आई है पर हीरो तो है ना? काग्रेस परजीवी काग्रेस बन चुका है। अब काग्रेस पार्टी 2024 से एक परजीवी काग्रेस पार्टी के रूप से जाना जाएगा। 2024 जो काग्रेस है वो परजीवी काग्रेस है और परजीवी वो होता है जो जिस शरीर पर उस शरीर के साथ रहता है, ये परजीवी उसी को ही खाता। काग्रेस भी जिस पार्टी के साथ गठबंधन करता है, उसी के वोट खा जाता है और अपनी सहयोगी पार्टी की कीमत पर वो फलती - फूलती है और इसलिए काग्रेस परजीवी काग्रेस बन चुका है। परजीवी कह रहा है तथ्यों के आधार पर कह रहा हूं। गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश इन तीन राज्यों में जहा काग्रेस अपने दम पर लड़ी और 64 में से, 64 में से सिर्फ 2 सीट जीत पाया है, 64 में से 2 इसका साफ मतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह परजीवी बन चुका और अपने सहयोगी दलों के कंधे पर उन्होंने चढ़कर के ये सीटो का आंकड़ा बढ़ाया है। अगर काग्रेस ने अपने सहयोगियों के जो वोट खाय है वो अगर ना खाए होते तो लोकसभा में उनके लिए इतनी सीटे जीत पाना भी बहुत मुश्किल था। देश ने विकसित भारत के सपने को साकार करने का मन बना लिया है। ऐसे समय एक अवसर आया देश ने विकास के रास्ते को चुना है, देश ने विकसित भारत के सपने को साकार करने जा मन बना लिया है। भारत एकजुट होकर समृद्धि का नया सफर तय करना है। ऐसे समय ये देश का दुभाग्य है कि हिंदुस्तान में 6 - 6 दशक तक राज करने वाली काग्रेस पार्टी अराजकता फैलाने में जुटी हुई है। ये दक्षिण में जाकर उत्तर के लोगों के खिलाफ बोलते हैं, ये उत्तर में जा करके दक्षिण के खिलाफ जहर उगलते है, ये पश्चिम के लोगो के खिलाफ बोलते हैं,महापुरुषों je खिलाफ बोलते हैं। इन्होंने भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश की है। देश के हिस्से को भारत से अलग करने की वकालत की थी उनको संसद की टिकट देने तक का दुर्भाग्य देखना पड़ा जो काग्रेस पार्टी ने पाप किया है काग्रेस पार्टी खुलेआम एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ाने के लिए रोज नए - नए बैरेटिव जड़ रहा है। नई - नई अफवाह फैला रहा हैं। आजकल नई ड्रामेबाजी शुरू किया गया है। आजकल सिंपैथी gain करने का एक नई ड्रामे बाजी शुरू की है, नया खेल खेला जा रहा हैं, मोदी जी किस्सा सुनाया है कि एक बच्चा स्कूल से आया और जोर जोर से रोने लगा और उसकी मां भी डर गई क्या हो गया, बहुत रोने लगा और फिर कहने लगा मां मुझे आज स्कूल में मारा गया,आए स्कूल में मुझे उसने मारा, आज स्कूल में इसने मारा और जोर जोर से रोने लगा मां परेशान हो गई। उसने उसे पूछा की बेटा बात क्या थी लेकिन वो बता नही रहा था बस रो रहा था,मुझे मारा, मुझे मारा। बच्चा ये नही बता रहा था कि आज स्कूल में उस बच्चे ने किसी बच्चे ने किसी बच्चे को मां की गाली दी थी। उसने ये नही बताया किसी बच्चे की किताबे उसने फाड़ दी थी। उसने ये नही बताया कि किसी जा टिफिन चुराकर के खा गया था। कल सदन में यही बचकाना हरकत देखा गया है। कल यहां बालक बुद्धि विलाप चल रहा था, मुझे मारा गया, मुझे इसने मारा, मुझे उसने मारा, मुझे यहां मारा, मुझे वहां मारा, ये चल रहा था। बालक बुद्धि में ना बोलने का ठिकाना होता है और ना ही बालक बुद्धि में व्यवहार का कोई ठिकाना होता है।और जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाता है तो सदन में भी किसी के गले पड़ जाते है। ये बालक बुद्धि अपनी सीमाएं खो देता है तो सदन के अंदर बैठकर के आंखे मारता है, आंखे मारता है। इनकी सच्चाई आदरणीय सभापति जी अब पूरा देश समझ गया है। इसलिए आज देश इनसे कह रहा है तुमसे नही हो पाएगा, तुमसे न हो पाएगा। सदन को गुमराह करने का प्रयास। ईवीएम को लेकर झूठ, संविधान को लेकर झूठ, आरक्षण को लेकर झूठ, उससे पहले राफेल को लेकर झूठ, HAL को लेकर के झूठ, कर्मचारियों को भी भड़काने के प्रयास हुए। हौसला तो इतना बढ़ गया कि कल सदन को भी गुमराह करने का प्रयास हुआ। कल अग्निवीर को लेकर सदन में झूठ बोला गया। कल यहां भरपूर असत्य बोला गया कि एमएसपी नहीं दिया जा रहा। संविधान की गरिमा से खिलवाड़ ये सदन का दुर्भाग्य और अनेक बार लोकसभा में जीतकर के आए लोग सदन की गरीमा के साथ खिलवाड़ करे ये शोभा नही देता हैं। जो दल 60 - 60 साल तक यहां बैठा है, जो सरकार के कामों को जनता है। जिसके पास अनुभवी नेताओं की श्रृंखला है। वे जब अराजकता के इस रास्ते पर चले जाए, झूठ के रास्ते को चुन ले तब देश गंभीर संकट की तरफ जा रहा है इसका सबूत मिल रहा हैं। सदन की गरिमा से खिलवाड़ ये संविधान निर्माताओं का अपमान है, इस देश के महापुरुषों को अपमान है। देश के लिए आजादी के लिए बलिदान देने वाले वीर सपूतों को अपमान है। अब जो हो रहा है, कल जो हुआ है उसको गंभीरता से लिए बिना संसदीय लोकतंत्र को रक्षित नहीं कर पाएंगे। इन हरकतों को बालक बुद्धि कहकर के, बालक बुद्धि मानकर के अब नजरअंदाज ,कतई नहीं करना चाहिए, और इसलिए मोदी जी कह रहा है कि इसके पीछे इरादे नेक नही है, इरादे गंभीर खतरे के हैं और देशवासियों को भी जगाना चाहता है। इस सदन की गरिमा बचाने को बहुत बड़ी जिम्मेदारी आप पर है। सदन में शुरू हुआ झूठ की परंपरा पर कठोर कार्यवाही करेंगे ये देशवासियों की भी इस सदन की अपेक्षा है। काग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर झूठ बोला है। मोदी जी आज 140 करोड़ देशवासियों के सामने सच्चाई रखना चाहता है बड़ी नम्रता पूर्वक रखना चाहता है। और देशवासियों को भी इस सत्य को जानना बहुत जरूरी है। काग्रेस पार्टी शुरू से ही आरक्षण की घोर विरोधी रहा है। नेहरू जी ने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर के साफ - साफ शब्दों में आरक्षण का विरोध किया था। काग्रेस के एक प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने मंडल कमीशन का रिपोर्ट ठंडे बक्से में सालों तक दबाए रखा था। तीसरे प्रधानमंत्री श्रीमान राजीव गांधी और जब विपक्ष में थे, उनका सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था। वो आज भी ससद के रिकोर्ड में उपलब्ध है। आपातकाल, इमरजेंसी का ये 50वा वर्ष है। इमरजेंसी सिर्फ और सिर्फ सत्ता के लोभ के खातिर, तानाशाही मानसिकता के कारण देश पर थोपा गया तानाशाही शासन था। और काग्रेस क्रूरता की सभी हदें पार कर चुका। उसने अपने ही देशवासियों पर क्रूरता का पंजा फैलाया था और देश के ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का पाप किया था। दलितों और पिछड़ों के साथ अन्याय। सरकारों को गिराना,मीडिया को दबाना, हर कारनामे संविधान की भावना के खिलाफ, संविधान की धाराओं के खिलाफ, संविधान के एक - एक शब्द के खिलाफ थे। ये वो लोग हैं, जिन्होंने प्रांभ से देश के दलितों के साथ, देश के पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है। और इसी कारण से बाबा साहेब आंबेडकर ने काग्रेस की दलित विरोधी, पिछड़े विरोधी मानसिकता के कारण,नेहरू जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उन्होंने पर्दाफाश किया था कि नेहरू जी ने दलितों, पिछड़ों के साथ अन्याय किया।और बाबा साहेब आंबेडकर ने कैबिनेट से इस्तीफा देते समय जो कारण बताए थे वो कारण इनके चरित्र को दर्शाता है। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने कहा था सरकार द्वारा अनुसूची जातियों की उपेक्षा पर अपने अंदर उत्पन्न आक्रोस को रोक नहीं सका, ये बाबा साहेब आंबेडकर के शब्द है। अनुसूची जातियों की उपेक्षा इसने बाबा साहेब आंबेडकर को आक्रोशित कर दिया। बाबा साहेब के सीधे हमले के बाद नेहरू जी ने बाबा साहेब आंबेडकर का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। पहले षड़यंत्र पूर्वक बाबा साहेब आंबेडकर को चुनाव में हरवाया गया। हराया इतनी ही नहीं, उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर के इस पराजय की, उसका जश्न मनाया, खुशी मनाई और खुशी उन्होंने व्यक्त किया। अपमानित करने का व्यवहार काग्रेस पार्टी ने किया है। बाबा साहेब की तरह ही दलित नेता बाबू जगजीवन राम जी को भी उनका हक नही दिया गया। इमरजेंसी के बाद जगजीवन राम जी के पीएम बनने की संभावना था। इंदिरा गांधी जी ने पक्का किया कि जगजीवन राम जी किसी भी हालात में पीएम न बने। और एक किताब में लिखा गया है कि किसी भी कीमत पर जगजीवन राम प्रधानमंत्री नही बनने चाहिए। अगर बन गए तो वो हटेंगे नहीं जिंदगी भर। ये इंदिरा गांधी जी का quote उस किताब में है। काग्रेस ने चौधरी चरण सिंह जी के साथ भी यही व्यवहार किया, उनको भी नहीं छोड़ा था। पिछड़ों के नेता काग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बिहार के सपूत सीताराम केसरी के साथ भी अपमानित व्यवहार करने का पाप इसी काग्रेस ने किया। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में कहा था। उन्हे गर्व है कि उस धर्म से आता है, जिसने पूरा दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति दिखाई है। 131 साल पहले हिंदू धर्म के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने अमेरिका के शिकागो में दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था। हिंदू सहनशील है, हिंदू अपनत्व को लेकर के जीने वाला समूह है। इसी कारण भारत का लोकतंत्र, भारत की इतनी विविधताएं, उसकी विराटता आज उसी के कारण पनपी है और पनप रहा हैं। हिन्दुओं पर झूठा आरोप। आज हिंदुओ पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रहा है, गंभीर षड्यंत्र हो रहा है। मोदी जी सभापति जी से कहा गया हिंदू हिंसक होते हैं, ये हैं आपके संस्कार, चरित्र, सोच, नफरत इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे। ये देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नही है। कुछ दिन पहले हिंदुओ में जो शक्ति की कल्पना है, उसके विनाश की घोषणा किया गया था। किस शक्ति की विनाश की बात करते हैं। ये देश सदियों से शक्ति का उपासना है। ये बंगाल मां दुर्गा की पूजा करता है, शक्ति की उपासना करता है। ये बंगला मां काली की उपासना करता है, समर्पित भाव से करता है। जिन्होंने हिंदू आतंगवाद ये शब्द गढ़ने की कोशिश किया था। इनके साथी हिंदू धर्म को इसकी तुलना डेंगू, मलेरिया, ऐसे शब्द से करें और ये लोग तालियां बजाए, ये देश कभी माफ नहीं करेगा। देवी देवताओं का अपमान। देवी - देवताओं का अपमान 140 करोड़ देशवासियों के दिलों को गहरी चोट पहुंचा रहा है। निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए ईश्वर के रूपों का इस प्रकार से खेल। ये देश कैसे माफ कर सकता है। सदन के कल के दृश्यों को देखकर के अब हिंदू समाज को भी सोचना होगा क्या ये अपमानजनक बयान संयोग है या कोई प्रयोग की तैयारी है। ये हिंदू समाज को सोचना पड़ेगा। दिशा में प्रगति हो रहा है। सशस्त्र सेनाओं के बीच उनके सहयोग से जो लंबे समय से युद्ध शास्त्रों के निषाद का मत था कि भारत में थिएटर कमांड जरूरी है। आज संतोष के साथ मोदी जी ने कहा सीडीएस व्यवस्था बनने के बाद देश में सुरक्षा के लिए जरूरी थिएटर कमांड की दिशा में प्रगति हो रहा है। देश का सेना युवा होना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत, उसमे सेना को आत्मनिर्भर बनाना उसकी भी बहुत बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा रहा है। देश की सेना युवा होना चाहिए। सेना दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए होता है। सेना युवाओं की ताकत बढ़ाना चाहिए और इसलिए लगातार युद्ध योग्य सेना बनाने के लिए रिफार्म कर रहा है। रिफार्म न करने के कारण सेना जा बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन ये बाते सार्वजनिक कहने योग्य नहीं होने के कारण मुंह को ताला लगाकर के बैठा है। काग्रेस ऐसे हर कदम का रिफॉर्म का विरोध करता है, जो भारत की सेना को मजबूती दे, भारत की सेना को मजबूत बनाए। अब काग्रेस je लोगों को ये पता चल गया है कि नौजवानो की ऊर्जा, सैनिकों का आत्मबल ही सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी शक्ति है और इस पर हमला करके और एक नया तरीका सेना में भर्ती को लेकर सरासर झूठ फैलाया जा रहा हैं ताकि लोग, देश के नौजवानो, देश की रक्षा करने के लिए सेना में न जाय, उनको रोकने के लिए षड्यंत्र हो रहा है। वन रैंक वन पेंशन को लेकर je देश के वीर जवानों को उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया गया। श्रीमती इंदिरा गांधी ने वन रैंक वन पेंशन की व्यवस्था को खत्म किया था। दशकों तक काग्रेस ने इस वन रैंक वन पेंशन को लागू नही होने दिया और चुनाव आए तो 500 करोड़ रुपए दिखाकर सेवा से निवृत सेना नायकों को मूर्ख बनाने की कोशिश भी की गई । लेकिन वन रैंक वन पेंशन को टालते रहना। एनडीए सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू की ओर आदरणीय सभापति जी भारत के पास संसाधन कितने भी सीमित क्यों न हो लेकिन उसके बावजूद भी, कोरोना की कठिन लड़ाई के बावजूद भी एक लाख बीस हजार करोड़ रुपए पूर्व सैनिक को वन रैंक वन पेंशन के रूप में दिया गया है। पेपर लीक के मामले पर विद्यार्थी ने नाराजगी जताई। मोदी जी ने आदरणीय राष्ट्रपति महोदया अपने उद्बोधन में पेपर लीक पर भी चिंता जताई है। देश के हर विथार्थी को, देश के हर नौजवानों को कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत गंभीर है और युद्धतर पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहा हैं। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई छोड़ा नही जायेगा। नीट के मामले में पूरा देश में लगातार गिरफ्तारियां किया जा रहा हैं। केंद्र सरकार पहले ही एक कड़ा कानून बना चुका है। परीक्षा कराने वाले पूरे सिस्टम को पुख्ता करने के लिए जरूरी कदम उठाया जा रहा हैं। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प। एनडीए सरकार ने 10 वर्षो में विकास को अपना सबसे बड़ा संकल्प बनाया है। आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का संकल्प है। आजादी के इतने सालों के बाद पीने का शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए, हर घर जल पहुंचाने का संकल्प है। हर आवास को देना ये संकल्प है। भारत की विश्व में जैसे - जैसे ताकत उभर रहा है, सेनाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प है। ये युग हरित युग है। ये युग ग्रीन ऐरा का है और इसलिए दुनिया जो ग्लोबल वार्मिग से लड़ाई लड़ रहा है, उसको एक बहुत बड़ी ताकत देने का काम भारत ने ये बीड़ा उठाया है। रिनिवेबल एनर्जी का भारत पावर हाउस में, उस दिशा में एक के बाद एक कदम उठाए हैं और उसको अचीव करने का संकल्प है। भविष्य ग्रीन हाईड्रोजन से जुड़ा है, ई - व्हीकल से जुड़ा हुआ है। भारत को ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनाने के लिए भी पूरी तरह संकल्पबद्ध है। भारत में बहुत बड़े रोजगार और स्व रोजगार बन रहा है। आज भारती 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए जिन संकल्पो को लेकर के चले हैं, उसने इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है। विश्व के सारे बेंचमार्क की बराबरी पर जाना है। जितना निवेश भारत में इंफ्रा स्ट्रक्चर के लिए हुआ है, वो इतना पहले कभी नहीं हुआ है और जिसका लाभ आज देशवासी देख रहा है। देश में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बन रहा है।उसका अब विस्तार हो, उसको एक नए रंग रूप मिला, आधुनिक भारत की आवश्यकताओं je अनुसार स्किल डेवलपमेंट हो और उसके आधार पर 4.0 में भी भारत लीडर के रूप में उभरे और नौजवानो का भविष्य भी सवरे, उस दिशा में काम कर रहा है। एक स्टडी है कि पिछले 18 साल में, ये स्टडी बड़ी महत्वपूर्ण है। ये अध्ययन कहता है कि पिछले 18 साल में प्राइवेट सेक्टर में जॉब क्रिएशन में आज सबसे बड़ा रिकार्ड बना है, 18 साल में सबसे बड़ा रिकार्ड बना है। ECO - SYSTEM क्या है? 2014 में सरकार मे आने के बाद देश के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती काग्रेस के साथ ही काग्रेस का ECOSYSTEM भी रहा है। ये eco - system से मिली खाद पानी इसके दम पर ये काग्रेस की मदद से ये eco system 70 साल तक फला - फूला है। आज मोदी जी सभापति जी इस eco system को चेतावनी देता है। इस ecosystem को चेताना चाहता है, ये जो हरकते है, जिस तरह eco - system ने ठान लिया है कि देश की विकास यात्रा को रोक देगा, देश की प्रगति को डेरेक कर देगा। उस साजिश का जवाब अब उसी की भाषा में मिलेगा। ये देश,देश - विरोधी साजिशों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा। ये ऐसा कालखंड है, जब दुनिया भारत की प्रगति को बहुत गंभीरता से ले रहा है, हर बारीकी को नोटिस कर रहा है। मोदी जी ने एक दुखद खबर सुनाई है। उन्होंने एक दुखद खबर भी दिया है कि यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुआ, उसमें अनेकों लोगों की दुखद मृत्यु होने की जानकारी आ रही है। जिन लोगों की इस हादसे में जान गई है, उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त किया। सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना किया। राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ उत्तर प्रदेश सरकार के लगातार संपर्क में हैं। इस सदन के माध्यम से सभी को ये भरोसा देता है कि पीड़ितों की हर तरह से मदद किया जायेगा। संकल्प भी मजबूत है। आज एक लंबी चर्चा और देखा है, पहली बार लोकसभा में प्रधानमंत्री के रूप में यहां सेवा के लिए लोगों ने अवसर दिया तब भी ऐसा मुकाबला ही मुकाबला करना पड़ा। राज्य सभा में भी ऐसा ही मुकाबला करना पड़ा,और इसलिए अब तो ये भी बड़ा मजबूत हो गया है। हौसला भी, आवाज भी और संकल्प भी मजबूत है। झूठ की कोई जड़ नही होता है। मोदी जी ने कहा बहुत कुछ सीखेंगे, समझेंगे और देश के इन लोगों के नजरों से गिरते हुए बचने का प्रयास भी करेगे। इसलिए उनको परमात्मा कुछ सद्बुद्धि दे, बालक बुद्धि को भी सद्बुद्धि दे, इस अपेक्षा के साथ आदरणीय राष्ट्रपति श्री महोदया का जो उद्बोधन है, उसके प्रति भी ह्रदय से आभार व्यक्त किया और अध्यक्ष जी, समय दिया, विस्तार से बात बताने का मौका दिया और किसी जा कोलाहल सत्य की आवाज को दबा नही सकता है, सत्य ऐसे प्रयासों के बीच दबता नहीं हैं, और झूठ की कोई जड़े नहीं होता हैं। जिन लोगों को अवसर नहीं दिया, वो उनकी पार्टी की जिम्मेदारी है, वो आगे से अपने सांसदों को ध्यान रखेंगे, ये मोदी जी अपेक्षा करता है। अंतिम में मोदी जी अपनी वाणी को विराम देते हुए कहा इस सदन का भी धन्यवाद करते हुए, बहुत आनंद आया आज, सत्य की ताकत क्या होता है, वो आज मोदी जी ने करके देखा, सत्य का सामर्थ्य क्या होता है, उसको आज उसका साक्षात्कार किया है। और इसलिए सभापति जी को ह्रदय से आभार व्यक्त किया। बहुत - बहुत धन्यवाद!